84 पाल ने 84 मीटर की पगड़ी पहनाकर मंत्री राजेश नागर को दी गुर्जर सम्राट की उपाधि
38 करोड रुपए की लागत से होगा राजा जैत सिंह स्टेडियम का निर्माण: राजेश नागर
मंत्री राजेश नागर ने की राजा की मूर्ति के लिए भी 21 लाख रुपए की घोषणा
City24news/ब्यूरो
फरीदाबाद। नीमका स्थित राजा जैत सिंह स्टेडियम के कायाकल्प के लिए राज्य सरकार 38 करोड रुपए खर्च करेगी। वहीं स्टेडियम के बगल लगे राजा के चबूतरे और मूर्ति के नवनिर्माण के लिए भी 21 लाख रुपए की राशि खर्च होगी। यह बात मंत्री राजेश नागर ने कही। वह यहां नीमका में आयोजित अपने अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर 84 पाल की सरदारी ने 84 मीटर की पगड़ी पहनाकर मंत्री राजेश नागर को गुर्जर सम्राट की उपाधि से नवाजा और उन्हें राजा जैत सिंह की तस्वीर स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की। समाज ने अपना एक मांग पत्र भी मंत्री राजेश नागर को सौंपा। वहीं मंत्री नागर ने कहा कि मैं आपके मान सम्मान पर कभी आंच नहीं आने दूंगा।
इस अवसर पर मंत्री राजेश नागर ने कहा कि आजकल युवा खेलों के प्रति काफी आकर्षित हो रहे हैं और इसमें अपना करियर भी बना रहे हैं। वहीं हमारे राज्य की सरकार भी खिलाड़ियों को सुविधा और इनाम की बड़ी राशियां दे रही है। मेरे प्रयास से नीमका स्थित राजा जैत सिंह स्टेडियम को भव्य रूप देने के लिए 38 करोड रुपए की मंजूर हुई है जिस पर जल्द ही काम शुरू होगा। यहां पर अनेक प्रकार के खेलों का प्रशिक्षण युवाओं को मिलेगा, जिससे वह अपने जीवन को सकारात्मक ढंग से आगे के लिए अग्रसर करेंगे और प्रदेश एवं देश का नाम दुनिया में रोशन करेंगे। इसके साथ ही यहां पर हमारे राजा जैत सिंह की प्रतिमा को भी भव्य रूप दिया जाएगा, जहां पर अनेक सामाजिक कार्यक्रम होते हैं। इसके बाद इन कार्यक्रमों को करने में और सुविधा मिल सकेगी।
मंत्री राजेश नागर ने कहा कि मैं आप सभी के लिए नेता नहीं और आप मेरे लिए जनता नहीं हैं। हम एक परिवार हैं। आप में से मेरे अनेक चाचा ताऊ हैं भाई हैं। मैं आप सभी के लिए पहले के जैसा ही हूं और आपकी सेवा के लिए हमेशा उपलब्ध हूं। आपने मुझे इतना मान सम्मान और मतदान करके विधानसभा पहुंचाया है और मेरे पार्टी नेतृत्व ने आपकी सेवा करने के लिए मुझे ताकत होती है। मैं ईमानदारी के साथ इसका निर्वहन करुंगा।
मंत्री राजेश नागर ने कहा कि समाज में समरसता, एकता और भाईचारा बनाने की दिशा में युवा काम करें। मैं प्रार्थना करता हूं कि आपका इसी प्रकार से मुझे प्रेम मिलता रहे।