नौगांव के किसानों की 1600 एकड़ भूमि आईएमटी के लिए की गई थी अधिग्रहण
City24news@अनिल मोहनियां
नूंह | आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांवों के किसानों की अधिग्रहण की गई 1600 एकड़ जमीन के बकाया मुआवजे को लेकर पिछले 29 फरवरी से धीरधुका में अनिश्चितकालीन धरने पर किसान बैठे हुऐ हे। रमजान का पवित्र महीना चल रहा है किसान रमजान के महीने में भी अपनी मांगों को लेकर धरना स्थल पर डेरा जमाए हुए हैं। बता दें कि वर्ष 2010 में आईएमटी रोजकामेव के लिए 1600 एकड़ अधिग्रहण की जमीन की गई थी। आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांव खेड़ली कंकर, मेहरोला, बडेलाकी, कंवरसीका, रोजकामेव, धीरधुका, रूपाहेड़ी, खोड (बहादरी) और रेवासन के किसान अनिश्चितकालीन धरना 29 फरवरी से चले रहा हे। वर्ष 2010 में नो गांव के किसानों की 1600 एकड़ भूमि आईएमटी के लिए अधिग्रहण की गई थी। अधिग्रहण की गई भूमि का 25 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा मिला था। किसानों को मुआवजा काम लगा तो उन्होंने 2012 में अपना धरना शुरू कर दिया। 2 साल तक यह धरना चला । दो साल बाद मुआवजे की राशि 46 लाख प्रति एकड़ के हिसाब से देने की घोषणा की गई। लेकिन किसानों को 21 लाख रुपए की राशि देकर उनसे एक हलफनामा ले लिया कि आगे से किसी प्रकार का कोई मुआवजा नहीं लिया जाएगा। किसने की बकाया 25 लख रुपए की राशि अभी तक किसानों को नहीं दी गई जिसको लेकर किसान एक बार फिर से 29 फरवरी से आईएमटी में धरना लगाकर बैठ गए। इस बार किसानों का कहना है कि जब तक उनका पूरा मुआवजा नहीं मिल जाता वह धरना पर इसी तरह बैठे रहेंगे। 9 मार्च को मुख्यमंत्री का मेवात दौर था जिसमें किसानों से मुख्यमंत्री की एक बैठक हुई जिसमें उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि उनके साथ जो भी हुआ वह गलत तथा उन्हें उनका मुआवजा भी मिलेगा। बुधवार को किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल गुरुग्राम एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों से मिला जिस पर उन्होंने कहा कि वह अपने उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें पंचकूला आने का निमंत्रण भी दिया और अपने साथ हलफनामा भी साथ लाने को कहा । अब देखना यह है कि क्या किसने की मुआवजे की मांग को सरकार पूरा करती है या फिर किस इसी तरह धरना स्थल पर बैठे रहेंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन इतना साफ जरूर है कि इस बार किसान धरना स्थल पर से जब तक नहीं हटेंगे जब तक उन्हें उनका बाकी का मुआवजा नहीं मिल जाता।