श्रीराधा रानी बृज यात्रा में 15 हजार श्रद्धालु कर रहे यात्रा
City24news/हरिओम भारद्वाज
होडल | मान मंदिर बरसाना उत्तरप्रदेश से 15 अक्टूबर को पदम श्री संत रमेश बाबा के सानिध्य में प्रारंभ हुई राधा रानी बृज यात्रा का बृज की नगरी होडल में पधारने पर बृज वासियों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। गढ़ी पट्टी में रात्रि पड़ाव के बाद यात्रा बुधवार सुबह होडल, बेढ़ा पट्टी, विजयगढ़ व खिरवी होते हुए भिड़ूकी में पहुंची जहां रात्रि पड़ाव के बाद यात्रा गुरुवार सुबह शेषशाई होते हुए यूपी के गांव रूपनगर में पहुंचेगी। यात्रा में आए सैकड़ो संत महात्माओं का ग्रामीणों व लोगों ने स्वागत कर उनका आशीर्वाद लिया। यात्रा के मध्य में कई जगह ग्रामीणों ने यात्रियों के लिए जलपान की भी व्यवस्था की हुई थी।
बरसाना धाम से संत रमेश बाबा के सानिध्य में निकली गई श्रीराधा रानी बृज यात्रा में लगभग 14 से 15 हजार महिला-पुरुष श्रद्धालु हिस्सा ले रहे हैं। इस यात्रा में हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश के अलावा अन्य कई राज्यों के श्रद्धालु इस परिक्रमा में मौजूद है। मान मंदिर बरसाना के कार्यकारी अध्यक्ष राधा कांत शास्त्री ने जानकारी में बताया कि इस राधा रानी बृज यात्रा की शुरुआत संत रमेश बाबा ने सन 1988 में की थी।जब से ही यह यात्रा हर वर्ष निकली जाती है। उन्होंने बताया कि जिस समय संत रमेश बाबा ने इस यात्रा की शुरुआत की उस समय मात्र 200 श्रद्धालु इस यात्रा में हिस्सा लेते थे आज 15 हजार श्रद्धालु इस यात्रा का हिस्सा बने हुए है। यह यात्रा मान मंदिर बरसाना की ओर से निःशुल्क होती है और इस यात्रा में आवास, भोजन, उपचार के अलावा अन्य व्यवस्था भी साथ होती है। यात्रा में चल रहे श्रद्धालुओं के खाने का इंतजाम नित्य मान मंदिर बरसाना से ही बनकर आता है। यात्रा में चल रहे श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम इस समय हरियाणा में चल रहे हैं क्योंकि तीन राज्यों में फैली ब्रज की यह पावन भूमि। उत्तर प्रदेश राजस्थान तथा हरियाणा यह तीनों ही राज्य ब्रज भूमि की पावन गरिमा से अभिमण्डित हैं । आज के पड़ाव स्थल के आसपास की समग्र भूमि राधा माधव की लीलाओं की साक्षी है।होडल के निकट ही परम पवित्र तीर्थ है चमेली वन व होडल में बड़ा प्रसिद्ध सती सरोवर कुंड है तथा इस क्षेत्र का सिद्ध बाबा आश्रम भी महत्वपूर्ण स्थल है। उन्होंने बताया कि यह बृज की यात्रा जहां-जहां से निकलती है लोग स्वागत के लिए हाथ में फूल, माला व आरती का थाल और प्रसाद सामग्री लिए खड़े रहते हैं। गावों में घर-घर से रोटी बनकर यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए आती है । यात्रा में मौजूद गुरुकुल के बालक-बालिकाएं पंक्ति बद्ध नृत्य करते हुए चलते देख सभी का मन मुग्ध हो रहा था। यात्रा में लीला माहात्म्य निरूपण करते हुए भगवताचार्य पंडित भक्त शरण जी ने कहा कि ब्रज यात्रा करने से समस्त पाप राशि अविलंब जल जाती है।भक्ति का यह सहज सुलभ व सरलतम साधन है। उन्होंने बताया कि इस यात्रा का समापन 19 नवंबर को मान मंदिर बरसाना में होगा। इस मौके पर यात्रा में बृजशरण महाराज, ब्रजदास महराज, प्रभुदास पुजारी, सुनील कुमार महाराज, राजकुमार शास्त्री, नीलमणि महाराज, लालदास महाराज, शंकर महाराज के अलावा अन्य साधु संत व हजारों महिला-पुरुष श्रद्धालु मौजूद थे।