134 पकडे जाने के बाद सैकड़ों बंदर हुए स्याने, पिंजरे को देखकर भाग रहे दूर
-एजेंसी ने कुछ दिन के लिए अभियान रोका
-400 बंदर पकड़ने के लिए नपा ने नवंबर माह में छोडा था टेंडर
City24News/सुनील दीक्षित
कनीना | कनीना में 13 से 22 नवंबर तक 134 बंदर पकड़ने के बाद शेष बंदर ‘स्याने’ हो गए हैं जो अब पिंजरे को देखते ही दूर भागने लगे हैं। जिसके चलते बंदर पकडे जाने का कार्य फिलहाल कुछ दिन के लिए रोक दिया गया है। यह कार्य जयश्री राम कूप एलसी सोसायटी ऐजेंसी की ओर से किया जा रहा था। बता दें कि नगरपालिका प्रशासन कनीना की ओर से 400 बंदर पकडे जाने का टेंडर उपरोक्त ऐजेंसी के नाम से छोड़ा गया था। वर्क आर्डर जारी होने के बाद 13 नवंबर से बंदर पकड़ने का कार्य शुरू किया गया। जिसके चलते 13 नवंबर को 35 बंदर पकडे गए। जिनमें 8 मेल, 12 फीमेल व 15 बच्चे शामिल थे। इसके बाद 15 नवंबर को 15 मेल, 25 फीमेल, 6 बच्चे पकडे गए। 17 नवंबर को 8 मेल, 22 फीमेल, 6 बच्चे सहित 36 बंदर, 19 को 7 मेल बंदर, 20 को 5 मेल बंदर, 21 को 3 व 22 को दो मेल बंदर सहित कुल 134 बंदर पकडे गए। जिन्हें टेंडर की शर्तों के मुताबिक रिजर्व फोरेस्ट एरिया में छोडा गया। अब बंदर पकड़ने के लिए एजेंसी कर्मचारी पिंजरा रखते हैं तो सैकड़ों बंदर फोरी कूदने लगे हैं। पिंजरा देखते ही दूर भागने लगे हैं। जिसे देखकर बंदर पकडने का कार्य कुद समय के लिए रोक दिया गया है। नगरपालिका चेयरपर्सन डॉ रिम्पी लोढ़ा ने बताया कि बंदरों के आतंक से आमजन परेशान था। बच्चे एवं महिलाएं बंदरों का निशाना बन चुकी थी। जिनकी ओर से बंदरों को पकड़ने के लिए नपा कार्यालय में बार-बार शिकायतें दी जा रही थी। उन्होंने बताया कि नपा क्षेत्र में करीब 400 बंदरों को पकड़ने के लिए टेंडर कॉल किए गए थे। कुछ समय बाद बंदर पकड़ने का कार्य फिर से शुरू किया जाएगा। इस मौके पर नपा सचिव कपिल कुमार, एमई दिनेश कुमार, जेई राकेश कुमार, लेखाकार मनोज कुमार उपस्थित थे।
कनीना-कनीना में बंदर पकड़ने वाले एजेंसी कर्मचारियों के साथ चेयरपर्सन डॉ रिंपी लोढ़ा व अन्य।
