12 को सीएमओ कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेंगी आशा वर्कर्स

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city24news@रोबिन माथुर
हथीन | सरकार व स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की वायदा खिलाफी से नाराज़ जिले की आशा वर्कर्स 12 जनवरी को जिला पलवल के सीएमओ कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करते हुए आशा वर्कर्स यूनियन के साथ हुए समझौते को लागू करने की माँग की जाएगी। यह फैसला आज यूनियन की जिला कमेटी की ऑन लाइन हुई एक मीटिंग में लिया गया। मीटिंग में सर्वसम्मति से यह फैसला भी किया गया कि अगर विभाग ने 12 जनवरी तक मानी गई मांगों को लागू नहीं किया तो 15 जनवरी से ज़िला मुख्यालय पर लगातार धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।

ऑन लाइन मीटिंग के बाद जारी प्रेस ब्यान में यूनियन की राज्य उपप्रधान रामरति चौहान, जिला प्रधान सरोज व सचिव जगबती डागर ने बताया कि आशा वर्कर यूनियन के आह्वान पर 73 दिन चली हड़ताल के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ 16 अक्तूबर को सम्पन्न बैठक में आशा वर्कर की कुछ मांगों को मानकर उनके पत्र जारी किए गए थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उनको लागू करने में लगातार आनाकानी करते रहे। विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रदेश व ज़िले की आशाओं को पिछले सात महीने से कोई मानदेय नहीं दिया गया है। मानदेय का भुगतान ना होने से आशा वर्करों के परिवार भारी आर्थिक संकट झेल रहे हैं ऊपर से बेतहाशा बढ़ रही महंगाई ने बुरा हाल किया हुआ है। सरकार ने 73 दिन की हड़ताल का मानदेय देने का पत्र जारी कर दिया था लेकिन अब अधिकारीयों ने उस पत्र के ऊपर रोक लगा दी है। पिछले 6 महीने से आशा पे एप भी बन्द है। जिसके कारण आशाओं के मानदेय का भुगतान नहीं हो पाया है। प्रदेश व जिले की आशाओं की परेशानियों को देखते हुए यूनियन ने सरकार व स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ दोबारा आंदोलन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि यूनियन ने 12 जनवरी को सिविल सर्जन कार्यालय पलवल पर एक दिन के धरना प्रदर्शन का फैसला किया है। अगर सरकार तथा विभाग ने यूनियन के साथ हुए समझौते को लागू नहीं किया तो 15 जनवरी से सिविल सर्जन कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।

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