सुपर पॉवर बनना बड़ी चुनौती

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City24News/नरवीर यादव
फरीदाबाद
| जिस तरह से भारत की इकोनोमी तेजी से आगे बढ़ती जा रही है उससे दुनिया के देशों में भारत ने अलग ही स्थान अर्जित कर लिया है। भारत में देसी-विदेशी विदेशी निवेश का जिस तरह का माहौल बना है और जिस तेजी से विपरीत वैश्विक हालातों के बावजूद और यहां तक कि ट्रंप की टैरिफ नीति के बावजूद भारत की अर्थ व्ववस्था व विकास का स्तर लगातार बने रहना बड़ी उपलब्धि है।
एशिया पॉवर इंडेक्स 2025 में भारत का मेजर पॉवर का दर्जा हासिल करना इस मायने में महत्वपूर्ण हो जाता है कि भारत शक्तिशाली देशों की कतार में अमेरिका और चीन के बाद तीसरे पायदान पर पहुंच गया है। लोवी द्वारा जारी इंडेक्स में मेजर पॉवर का दर्जा हासिल करने वाला भारत एक मात्र देश है जबकि सुपर पॉवर के रुप में अमेरिका और चीन अपना दबदबा बनाए रखने में कामयाब रहे हैं। हांलाकि भारत ने मेजर पॉवर का दर्जा हासिल कर लिया है पर सुपर पॉवर का दर्जा हासिल करने में अभी भारत को लंबा समय और कड़ी मेहनत व प्रयास करने होंगे। दरअसल 8 पेरामीटर्स में 100 में से 70 से अधिक अंक अर्जित करने वाले देश ही सुपर पॉवर की श्रेणी में आते हैं और अमेरिका इसमें 80.5 अंक प्राप्त कर सुपर पॉवर बना हुआ है वहीं चीन भी अमेरिका के पीछे पीछे 73.7 अंकों के साथ दूसरा सुपर पॉवर बना हुआ है। हांलाकि डोनाल्ड ट्रम्प के आने के बाद अमेरिका ने बहुत कुछ खोया है पर फिर भी पहला स्थान का ताज आने वाले सालों में भी छिनता हुआ नहीं लगता है। भारत ने अवश्य जापान को पछाड़ कर तीसरा स्थान बनाया है और 40 अंक प्राप्त कर मेजर पॉवर तो बन ही गया है। 40 या 40 से अधिक अंक प्राप्त करने वाले देश मेजर पॉवर की श्रेणी में आते हैं और यह दर्जा प्राप्त करने वाला भारत अकेला देश बन गया है। एशिया प्रशांत के 27 देशों से शेष 23 देश मिडिल पॉवर व उससे नीचे की श्रेणी में हैं। हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान इस इंडेक्स में पहले दस में भी स्थान नहीं बना पाया है। पाकिस्तान सूची में 16 वें स्थान पर रहा है। निश्चित रुप से यह भारत के लिए बड़ी उपलब्धी और इंटरनेशनल जगत में भारत के बढ़ते दबदबे का स्पष्ट संकेत है। ऑपरेशन सिन्दुर और इससे पहले भी जिस तरह से भारत ने अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया है और इंटरनेशनल डिप्लोमेसी में भारत की अग्रगामी भूमिका तय की गई है उसका बड़ा प्रभाव पड़ा है। आर्थिक क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों ने इसे तीसरे पायदान पर लाने में खासी भूमिका तय की है। भारत आज दुनिया के देशों में बड़ी आर्थिक शक्ति के रुप में उभरा है और दुनिया के देशों में सबसे अधिक यानी कि विदेशी निवेश में भारत ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है।

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