विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचारों के क्षेत्र में उपलब्धियों की एक विस्तृत श्रृंखला का जश्न 17 से जनवरी तक

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  • आईआईएसएफ 2023 का विषय “अमृत काल में विज्ञान और प्रौद्योगिकी सार्वजनिक आउटरीच”
  • कर्टन रेजर कार्यक्रम में हरियाणा प्रदेश के उच्चतर शिक्षा मंत्री श्री मूलचंद शर्मा ने बायोटेक संस्थान में ब्रोसर का भी लोकार्पण किया
  • कहा, नई शिक्षा नीति को बनाया जाएगा रोजगार परक 

city24news@ब्यूरो
फरीदाबाद। ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (टीएचएसटीआई) में 17 जनवरी से 20 जनवरी तक इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा। हरियाणा के परिवेहन एवं उच्चतर शिक्षा मंत्री श्री मूलचंद शर्मा ने सोमवार को संस्थान के प्रांगण में आयोजित एक कार्यक्रम में समारोह का कर्टन रेजर जारी किया और वहां उपस्थित युवा वैज्ञानिकों को सम्बोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने ब्रोसर का भी लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव का उद्देश्य भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचारों के क्षेत्र में उपलब्धियों की एक विस्तृत श्रृंखला का जश्न मनाना और उजागर करना है। आईआईएसएफ 2023 का विषय “अमृत काल में विज्ञान और प्रौद्योगिकी सार्वजनिक आउटरीच” है।

हरियाणा प्रदेश के उच्चतर शिक्षा मंत्री श्री मूलचंद शर्मा ने आईआईएसएफ 2023 के आयोजन स्थल के रूप में फरीदाबाद को चुने जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से बड़ी संख्या में फरीदाबाद और हरियाणा के अन्य जिलों के स्कूली बच्चों को साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा। उन्होंने आयोजन स्थल को विकसित करने में किए गए जबरदस्त काम के लिए आईआईएसएफ 2023 के आयोजकों को बधाई दी और आईआईएसएफ 2023 को एक शानदार सफलता बनाने में सरकार की ओर से सभी सहयोग  का वादा किया।

कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि फरीदाबाद देश और दुनिया में तथा  एशिया की सबसे बड़ी औद्योगिक नगरी के रूप में जाना जाता है। यहां सूई से लेकर हवाई जहाज और चंद्रयान तक बनाए जाते हैं। विश्व में उद्योगिक क्षेत्र में  फरीदाबाद की सात कंपनियों का विशेष योगदान रहा है। इसी कारण से फरीदाबाद औद्योगिक नगरी के क्षेत्र में एशिया में यह मुकाम है। कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि साइंस फेस्टिवल महाकुंभ में जो भी जिम्मेदारी उन्हें सरकार हरियाणा सरकार को 17 से 20 जनवरी तक मिलेगी उसकी हर संभव रूप से पूर्ण किया जाएगा। कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि त्रेता युग से लेकर आज तक देश और दुनिया में भारत की साइंस को माना जा रहा है। रामायण और महाभारत पर भी दुनिया में साइंस के जरिए शोध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान का वैज्ञानिक विश्व में अपना लोहा मनवा रहा है। परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि आधुनिक युग में इलेक्ट्रिकल बस, सोलर ट्यूबवेल और खेती भी साइंस से की जा रही है। इसमें साइंस का बड़ा योगदान है। आने वाले समय में वैज्ञानिक और भी खोज करेंगे।

नई शिक्षा नीति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश में जो नई शिक्षा नीति का सरकार द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है, उसमें शिक्षा लेने वाले बच्चे नौकरी लेने वाले नहीं नौकरी देने वाले बनेंगे। शिक्षा को रोजगारपरक शिक्षा बनाया जा रहा है। नई शिक्षा नीति प्रदेश में 2025 तक पूर्ण रूप से लागू कर दी जाएगी। देश और प्रदेश में नई शिक्षा नीति के जरिए विश्वविद्यालय, साइंस एंड टेक्नोलॉजी में बदलाव लाने का काम किया जा रहा है।

भारत सरकार की साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग की जॉइंट सेक्रेटरी सुश्री ऐ धनलक्ष्मी ने अपने संबोधन में बताया कि स्थल का चयन कैसे किया गया और आईआईएसएफ 2023 के लिए स्थल को तैयार करने की प्रगति कैसे हुई। उन्होंने आईआईएसएफ 2023 के लिए स्थल के निर्माण में हुई गति और प्रगति की सराहना की।

विज्ञान भारती/ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के भारत सरकार के सचिव शिवकुमार शर्मा ने कहा कि वे पिछले 40 वर्षों से विज्ञान के विभिन्न विधाओं में अध्ययन कर रहे हैं। भारतीय जीवन पूरी तरह वैज्ञानिक है। भारत की हर छोटी से छोटी चीज में विज्ञान प्रयोग को उपयोगी कैसे बनाया जाए। इसके लिए बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है

नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन के निदेशक डॉ अरविंद रानाडे ने आए हुए सभी मेहमानों का फेस्टिवल में विशेष योगदान देने पर धन्यवाद करते हुए कहा कि यह 9वा इंडियन इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल-2023 आयोजित की जा रहा है। इसके लिए सौभाग्य की बात है यह वास्तव में विज्ञान के नई पद्धति प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि इस साइंस फेस्टिवल में कुल 16 इवेंट्स आयोजित किये जायेंगे। उन्होंने एक एक करके इंडियन इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल -2023 बारे विस्तार पूर्वक जानकारी दी।

संस्थान के डायरेक्टर डॉ जयंत भट्टाचार्य ने आए हुए सभी मेहमानों का तहे दिल से स्वागत करते हुए कहा कि यह इंडियन इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल आगामी 17 से 20 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा। जिसमें देश-विदेश और विश्व के बड़े-बड़े वैज्ञानिक भाग लेंगे और इसमें इसरो के वैज्ञानिक भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। इसमें देश के विभिन्न प्रांतों के स्टूडेंट और एनसीआर के हजारों दर्शक इसमें अपने भागीदारी सुनिश्चित करके साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक पद्धति का अनुसरण करेंगे।

इस अवसर पर डॉक्टर सोना पटेल, एचएसवीपी प्रशासक डॉक्टर गरिमा मित्तल, एसडीएम बङखल अमित मान, एमसीएफ की संयुक्त आयुक्त शिखा अन्तिल, तहसीलदार सुरेश कुमार सहित अन्य अधिकारी और वैज्ञानिक तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे हैं।

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