विकलांगता दिवस पर जागरूकता गतिविधि एवं शिविर आयोजित
कार्यक्रम प्रारंभिक हस्तक्षेप के माध्यम से दिव्यांगता की रोकथाम करने की थीम पर रहा आधारित
city24news@ऋषि भारद्वाज
पलवल | नागरिक अस्पताल में गत दिनों विकलांगता दिवस समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें एसएमओ डा. अजय माम ने शीघ्र हस्तक्षेप की आवश्यकता और डीईआईसी के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सेवाओं के संबंध में जानकारी प्रदान की। उप सिविल सर्जन डा. रामेश्वरी वर्मा ने आरबीएसके के तहत प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं और दिव्यांगता को रोकने के तरीके के बारे में जानकारी दी। बाल रोग विशेषज्ञ डा. बासुदेव गुप्ता द्वारा प्रारंभिक हस्तक्षेप से दिव्यांगता को रोकने के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई। कर्ण रोग विशेषज्ञ डा. शिल्पी अरोड़ा ने श्रवण बधिरता और कॉक्लियर इम्प्लांट तथा श्रवण यंत्र के बारे में जानकारी दी। वरिष्ठ डेंटल सर्जन डा. नरेंद्र ने मुख एवं दंत स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी।
डीईआईसी प्रबंधक डा. साक्षी शर्मा ने प्रतिभागियों को विकलांगता से बचाव के लिए गर्भावस्था से लेकर जन्म के बाद दो वर्ष तक, बच्चे के 1000 दिनों की यात्रा के बारे में अभिभावकों को जागरूकता प्रदान की, जोकि बच्चों में किसी भी तरह की दिव्यांगता या विकास में देरी होने को रोकने में सक्षम है। मधु डागर द्वारा दिव्यांग लोगों के लिए विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। कुछ अभिभावकों ने भी डीईआईसी से मिली सुविधाओं और बच्चों के स्वास्थ्य में हुई बेहतरी के बारे में अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया कि बच्चों की उचित समय में थैरेपी होने से स्वास्थ्य में सुधार होने के कारण आज वे स्कूल जाकर शिक्षा ग्रहण करने में और एक नॉर्मल जीवन जीने में सक्षम बने हैं।
इस अवसर पर सभी अभिभावकों को जागरूक किया गया कि आरबीएसके प्रोग्राम के अंतर्गत जन्मजात विकारों जैसे ह्रदय रोग, रीढ़ की हड्डी पर फोड़ा, कटे होंठ तालु, टेढ़े पैर, बधिरता, कूल्हे की हड्डी का खिसकना आदि के नि:शुल्क ईलाज का प्रावधान है, जिसके लिए नागरिक अस्पताल में स्थित डीईआईसी से संपर्क किया जा सकता है।
इसके बाद बच्चों का हेल्थ चेकअप किया गया और डीईआईसी के माध्यम से उन्हें थैरेपी प्रदान की गई। इस दौरान डीईआईसी के सभी संबंधित प्रोफेशनल फिजियोथैरेपिस्ट लितेश मलिक, पुष्पा कुमारी, पूनम शर्मा तथा विमलेश मौजूद रहे।