महिला के साथ अभद्रता की धारा को हटाने का मामला

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वजन पूछ कर फैसला सुनाते हैं हरियाणा के यह पुलिस अधिकारीपत्रकार ने लगाई गृहमंत्री से गुहार

City24News@ ब्यूरो

बल्लभगढ| शहर के एक पत्रकार ने हरियाणा के प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज तथा डीजीपी शत्रुजीत कपूूर को बल्लभगढ़ के एसीपी के खिलाफ महिला के साथ हुई अभद्रता की धारा को मुकदमें से कैंसल करने की शिकायत दी है। शिकायतकर्ता ने गृहमंत्री तथा डीजीपी से एसीपी के खिलाफ कार्रवाई करने तथा काटी गई धारा को दोबारा से शामिल करने की मांग की है। साथ ही पीड़ित ने उसकी सुृनवाई ना होने पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा महिला आयोग का दरवाजा खटखटाने की बात भी कही है।
गौरतलब है कि 11 अक्टूृबर को शहर के वरिष्ठ पत्रकार विनोद मित्तल अपनी पत्नी को छोड़ने के लिए ड्यूटी पर जा रहा था। वहां रास्ते में मिली एक कार नंबर एचआर 29ए एक्स 3097 सवार युवक ने अचानक से गालीगलौच करनी शुरू कर दी तथा मौके पर श्री मित्तल की पत्नी द्वारा गाली देने का कारण पूछने पर उस उग्र युवक नीरज गौड़ ने पत्रकार की पत्नी को छाती पर हाथ मारकर पीछे पड़े पत्थरों में धक्का दे दिया था तथा विरोध करने पर विनोद मित्तल के सिर में ईंट से हमला कर दिया था। इस मामले में शिकायत देने के बाद  भी स्थानीय चौकी इंचार्ज देवदत्त ने चार दिन तक मामला दर्ज नहीं किया था। घटना से क्षुब्ध अगले दिन बल्लभगढ़ पत्रकार एसोसिएशन तथा अन्य समाजसेवियों ने जब थाना प्रभारी सतीश डागर के पास गए तो उन्होंने भी काफी बदत्तमीजी से पेश आए और शिकायत पर कार्रवाई क रने से मना कर दिया था पीड़ितों के खिलाफ ही मामला दर्ज करने की बात कहने लगे। पीड़ित पत्रकार विनोद मित्तल ने बताया कि घटना के चार दिन बाद पुलिस कमिश्नर राकेश आर्य के आदेश पर घटना के संबंध में आईपीसी की धारा 323, 504 तहत मामला दर्ज किया। पीडित की शिकायत जब महिला थाने में गई तो महिला थाना पुलिस ने शहर थाना पुलिस के साथ मिलकर पत्रकार की पत्नी के साथ हुई अभद्रता की कार्यवाही करवाई। तब महिला ने इस केस में आईपीसी की धारा 354ए को इजाद किया। शिकायतकर्ता ने बताया कि एसीपी ने इस मामले में त तीश के लिए पीड़ित पक्ष को बुलाया तो वहां पर आरोपी पक्ष पुलिस के एक बड़े दलाल के साथ पहले ही मौजूद था। जिसने एसीपी पर अपना प्रभाव रखते हुए बताया कि से पुलिस विभाग के एसीपी से बातचीत हो गई है तथा आईपीसी की धारा 354ए की धारा जल्द रद्द  हो जाएगी तथा पुलिस दो तीन के अंतराल में 354ए को रद्द कर दिया। पुलिस की इस कार्यशौली तथा पुलिस दलाल की इस भूमिका को लेकर पत्रकारों में भारी रोष है।

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