फर्जी एसडीएम से लेपटॉप ,नौ एटीएम एवं दो मोबाइल बरामद हुए, भेजा जेल

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हथीन डीएसपी सुरेश भड़ाना प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए

  • फर्जी एसडीएम अपने आपको बताता था बिहार के
    भागलपुर में एसडीएम के रूप में पदस्थ
  • फर्जी एसडीएम से 10 हजार रुपए भी बरामद

city24news@रोबिन माथुर

हथीन| फर्जी एसडीएम बनकर लोगों को धोखा देने वाले हथीन निवासी विकास सिंह से रिमांड के दौरान एवीटी स्टाफ पुलिस ने 9 एटीएम, 2 मोबाइल एवं लेपटॉप बरामद किया है।फर्जी एसडीएम की गिरफ्तारी के संदर्भ में जानकारी देते हुए हथीन के डीएसपी सुरेश कुमार ने बताया कि आरोपी के खिलाफ वर्ष 2022 में हथीन थाना में कोमल नामक पीड़ित ने 19 लाख रुपए लेने का केस दर्ज कराया था। यह धनराशि नेशनल सैम्पल सर्विस में 5 लोगों को नौकरी देने का झांसा देकर ली गई थी। आरोपी ने पीड़ितों को फर्जी नियुक्ति पत्र, प्रशिक्षण पत्र एवं  जॉइनिंग लेटर भी बनाकर दिए थे। इस आधार पर हथीन पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की।  जांच के दौरान आरोपी ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत कराने का प्रयास किया। हाई कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद एवीटी स्टाफ पुलिस ने आरोपी विकास सिंह को 6 दिसंबर को बस अड्डा के पास से गिरफ्तार कर दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया।रिमांड के दौरान यह जानने का प्रयास किया गया कि एसडीएम का फर्जी आई कार्ड किसकी मदद से बनवाया। इसके अतिरिक्त नेशनल सैम्पल सर्विस के फर्जी नियुक्ति पत्र एवं अन्य दस्तावेजों को किसकी मदद से तैयार किया।डीएसपी सुरेश कुमार ने बताया कि जांच के बाद आरोपी ने स्वीकार किया है कि सभी दस्तावेज उसने स्वयं बनाए हैं। जांच के दौरान आरोपी से फर्जी डॉक्यूमेंट बनाने की प्रक्रिया की भी जानकारी ली। उसने किसी अन्य के इस मामले में शामिल होने से इनकार किया है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी विकास के पिता मांगेराम को गिरफ्तार किया था। जिसकी अब जमानत हो चुकी है। पीड़ित कोमल ने केस में मांगेराम का नाम भी नामजद कराया था।फर्जी एसडीएम विकास सिंह अपने आपको बिहार के भागलपुर में एसडीएम के रूप में पदस्थ बताता था। भागलपुर एसडीएम का फर्जी पहचान पत्र  बनवाया हुआ था। उसी के आधार पर लोगों को प्रभावित करता था। आरोपी हथीन थाना में केस दर्ज होने के बाद राजस्थान, उत्तरप्रदेश एवं उत्तराखंड के शहरों में छिपा हुआ था।डीएसपी सुरेश भड़ाना ने बताया कि इससे पूर्व विकास सिंह नूँह जिला के मांडीखेड़ा स्थित होस्पिटल में आयुष्मान भारत योजना में कार्यरत था। उसके ऊपर सरकारी तीन स्वास्थ्य केंद्रों का प्रभार था। डीएसपी ने बताया कि आरोपी को दो दिन के रिमांड के बाद स्थानीय अदालत में पेश किया गया जहां से उसको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

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