प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के चलते तीनों प्रदेशों में हुई कांग्रेस की हार: यशपाल नागर

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 प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के अहम के चलते तीनों प्रदेशों में हुई कांग्रेस की हार

वरिष्ठ कांग्रेस नेता यशपाल नागर बोले-हार से सबक ले हरियाणा में एकजुट हो जमीन पर उतरना होगा

city24news@ब्यूरो

फरीदाबाद| लोकसभा क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं हरियाणा ओबीसी वर्ग के पूर्व प्रदेश चेयरमैन यशपाल नागर ने राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली पराजय पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह कांग्रेस पार्टी के लिए एक सबक के रूप में हैं और पार्टी को अपनी हार पर मंथन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान प्रदेश में हुई हार के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलौत व उप-मुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर चली खींचातानी  रहीं जिसके चलते गुर्जर बाहुल्य 35-40 सीटों पर नुकसान हुआ वहीं मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की गलतियां कांग्रेस की हार का कारण बनीं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में भाजपा द्वारा आदिवासी कार्ड खेला गया है। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र्र मोदी ने आदिवासियों के भगवान कहे जाने वाले भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता सैनानी बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण कर आदिवासियोंकी भावनाओं का इस्तेमाल किया और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यह समझ नहीं पाए। अगर वहां कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जाते तो छत्तीसगढ़ में स्थिति कांग्रेस के पक्ष में रहती। उन्होंने कहा कि तीनों प्रदेशों के लोग तो कांग्रेस की सरकार बनाना चाह रहे थे लेकिन तीनों ही प्रदेश कांग्रेस के बडे नेताओं का अहंकार पार्टी को ले बैठा। उन्होंने कहा कि क्योंकि वोटों के हिसाब से तो परिणाम चौंकाने वाले हैं। मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ और तेलंगाना के कुल वोट पर ध्यान दें तो भाजपा से ज्यादा वोट कांग्रेस को मिले हैं, बावजूद इसके तीन राज्यों के परिणाम हमारे लिए अच्छे नहीं रहे। उन्होंने ने कहा कि इन चारों प्रदेशों में कुल मत पर ध्यान दें तो कांग्रेस को 4 करोड़ 90 लाख 69 हजार 462 वोट मिले, जबकि इन्हीं 4 राज्यों को मिलाकर भाजपा को कुल 4 करोड़ 81 लाख 29 हजार 325 वोट मिले। उन्होंने कहा कि तीन प्रदेशों में मिली हार के पीछे जो भी कमियां रही है अब उस पर ध्यान देते हुए कांग्रेस के संगठन को मजबूत करना है। क्योंकि आने वाले समय में हरियाणा में भी लोकसभा और विधानसभा का चुनाव होना है। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस के बडे नेताओं को अपने अहंकार की लडाई छोडकर एकजुट हो नए सिरे से हरियाणा प्रदेश में जमीनी स्तर पर उतरना होगा। क्योंकि हरियाणा के हालात भाजपा सरकार के विरोध में हैं। उन्होंने कहा कि हम चुनाव हारे हैं लेकिन हिम्मत नहीं और यह हिम्मत और संघर्ष ही कांग्रेस को हरियाणा में विजय दिलाएगा क्योंकि आज प्रदेश का हर वर्ग अपने आपको ठगा सा महशूस कर रहा है। प्रदेश का किसान, जवान, कर्मचारी, कच्चा कर्मचारी, सफाईकर्मी, मिड-डे मील, आशा वर्कर, मनरेगा मजदूर से लेकर पंच-सरपंचों तक हर वर्ग अपने अधिकारों के लिए सडकों पर आकर धरने-प्रदर्शन करने को मजबूर हो रहा है। वहीं चारों ओर भ्रष्टाचार का आलम है, युवाओं में बेराजगारी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अपमान का घूंट पीकर बैठी जनता बडी बेसब्री से चुनाव का इंतजार कर रही है। बस कांग्रेस के बडे नेताओं को एकजुट होकर सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष का बिगुल फूंकना होगा और नए चेहरों के साथ-साथ पुराने तजुर्बा को इस्तेमाल कर रण में उतारना होगा, देखना प्रदेश में होने वाले लोकसभा व विधानसभा चुनावा में जनता झूठ, जुम्ले व अपमान का हिसाब ब्याज समेत चुकता कर देगी और भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी।

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