पिता का परिचित बनकर किया ऑनलाइन फ्रॉड, नूंह साइबर टीम ने आरोपी को दबोचा

City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | जिला नूंह में ऑनलाइन धोखाधड़ी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें शातिर साइबर ठग ने खुद को शिकायतकर्ता के पिता का जानकार बताकर उससे करीब एक लाख रुपये की ठगी कर ली। पुलिस ने गहन जांच के बाद मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
यह मामला गत 6 अप्रैल का है जब गांव मानुवास निवासी लक्ष्मण सिंह को एक अज्ञात नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को राकेश मास्टर बताते हुए कहा कि वह उनके पिता को अच्छी तरह जानता है। बातचीत के दौरान जब लक्ष्मण सिंह ने बताया कि उनके पिता का निधन हो चुका है तो आरोपी ने सहानुभूति जताते हुए झांसा देना शुरू किया। उसने व्हाट्सएप कॉल और फर्जी बैंक मैसेज भेजकर यह विश्वास दिलाया कि उसके खाते में अस्पताल से जुड़े लेन-देन पूरे नहीं हो पा रहे हैं और उसे पैसों की तत्काल जरूरत है। विश्वास में आकर शिकायतकर्ता ने आरोपी के कहने पर अलग-अलग खातों में पैसे भेज दिए। सबसे पहले 20 हजार रुपये एक खाते में डाले गए, इसके बाद आरोपी ने रकम कम बताते हुए और पैसे मांगे। फिर दो बार में करीब 39-39 हजार रुपये और डलवाए गए। इस तरह कुल मिलाकर 98,892 रुपये शिकायतकर्ता के खाते से ठग लिए गए। पैसे जिन खातों में भेजे गए उनमें से एक खाता मुस्कान नामक व्यक्ति का था। जांच के दौरान जब बैंक रिकॉर्ड खंगाले गए तो पाया गया कि यह खाता ई-केवाईसी के आधार पर खोला गया था और इसमें रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से आरोपी की पहचान की गई। पूछताछ में खाता धारक मुस्कान ने कबूल किया कि उसने अपने खाते को महज ढाई हजार रुपये के लालच में मुस्ती उर्फ मुस्तकीम और तालिम उर्फ गोपिया नामक व्यक्तियों को बेच दिया था। इसके बाद पुलिस की जांच का फोकस मुख्य आरोपी मुस्ती उर्फ मुस्तकीम उर्फ मुस्तफा पर केंद्रित हुआ।
पुलिस का कहना है कि आरोपी पहले से ही गुरुग्राम साइबर क्राइम थाना मानेसर में दर्ज एक अन्य ऑनलाइन फ्रॉड मामले में भोंडसी जेल में बंद था। नूंह साइबर क्राइम थाना ने अदालत से प्रोडक्शन वारंट जारी करवाया और आरोपी को 23 सितम्बर को पेश किया गया। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर हवालात में रखा गया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी एक ऐसे गिरोह से जुड़ा है जो संगठित तरीके से लोगों को कॉल कर उनके परिचित या रिश्तेदार का नाम लेकर भावनात्मक तौर पर फंसाता है और झांसे में आकर लोग पैसे भेज देते हैं। पुलिस ने आमजन से अपील की है कि किसी भी अज्ञात कॉल, फर्जी संदेश या व्हाट्सएप कॉल के बहकावे में न आएं। संदेह होने पर तुरंत राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।