पंजीकरण के उपरांत ही किसान विभागीय योजनाओं का उठा सकेंगे लाभ

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मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण न होने पर फसल बेचने पर होगी असुविधा : उपायुक्त नेहा सिंह

city24news@ऋषि भारद्वाज
पलवल | उपायुक्त नेहा सिंह ने बताया कि किसानों को अपनी फसल बेचने के साथ-साथ कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा चलाई जा रही विभागीय योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। केवल पंजीकृत किसानों की रबी फसलों को सरकार निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी, इसलिए किसी भी असुविधा से बचने व रबी फसलों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए किसान अपनी फसलों का पंजीकरण समय रहते जरूर करवा लें।
सरकार द्वारा गत 12 नवंबर 2023 से मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल को किसानों के लिए अपनी फसलों का पंजीकरण करवाने हेतु खोला गया था। अभी तक जिला पलवल के केवल 14 हजार 279 किसानों द्वारा 81 हजार 287 एकड़ भूमि का ही पोर्टल पर पंजीकरण करवाया गया है, जोकि जिला की कुल कृषि योग्य भूमि का मात्र 21 प्रतिशत है। कृषि उप निदेशक डा. बाबूलाल ने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि जिला के सभी किसान समय रहते अपनी फसल का पंजीकरण पोर्टल पर जरूर करवा लें। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण के लिए ओ.टी.पी. आधार से जुड़े हुए मोबाइल नंबर पर ही आ रहा है। इसलिए समय रहते हुए किसान अपने आधार लिंक मोबाइल नंबर को अपडेट करा लें, जिससे किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाने में परेशानी का सामना न करना पड़े। साथ ही पोर्टल पर जमीन से संबंधित आने वाली परेशानी के लिए राजस्व विभाग (पटवारी) से संपर्क कर अपनी जमीन का ब्यौरा पोर्टल पर सही करवा लें। पूर्व में किसानों द्वारा एक से अधिक गांवों या 15 एकड़ से अधिक जमीन का पंजीकरण कराने पर डीसी पलवल द्वारा लगाए गए अवरोध को हटवाने हेतु लघु सचिवालय में तृतीय तल पर स्थित एनआईसी कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है। कृषि विभाग द्वारा सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रमो में भी किसानों का पंजीकरण कराया जा रहा है। इन कार्यक्रमों के साथ-साथ विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों द्वारा गांव स्तर पर अपनी फसल का पंजीकरण करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। फसल पंजीकरण संबंधित किसी भी समस्या के लिए किसान अपने निकटतम खंड कृषि कार्यालय अथवा उपमंडल कृषि कार्यालय में संपर्क कर समस्या का निवारण करवा सकते हैं।

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