जिले में बने रैन बसेरों की हालत खराब
- नहीं है इनके अंदर कोई भी सुविधाएं
- जिला रेडक्रास सोसायटी द्वारा नही की गई है अभी तक कोई सुविधा ।
- रैन बसेरों के नाम का पैसा अधिकारियों को जेब में जाता है – करण सिंह दलाल पूर्व मंत्री
city24news@ऋषि भारद्वाज
पलवल | इस जनवरी माह में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। इस ठिठुरन भरी सर्दी से बचने के लिए एक तरफ जहां लोग अपने घरों में हीटर और आग का सहारा ले रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कई ऐसे लोग भी हैं जिनके पास ना तो कोई आशियाना है और ना ही सर्द रातें काटने के लिए सर पर कोई छत, गरीब असहाय और बेसहारा लोगों के लिए जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए रेन बसेरों में जो व्यवस्था होनी चाहिए वह नाममात्र भी नही है। इस कड़ाके की ठंड से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा भले ही बड़े-बड़े दावे किए गए हो। जिला प्रशासन ने गरीब तबके के लोगों के लिए पर्याप्त व्यवस्था किए जाने की बात भी कही। लेकिन जब मौके पर रात करीब 8 बजकर 35 मिनट पर होडल के डाक्टर भीम राव अम्बेडकर स्कूल में और हसनपुर उपकार मंडल के साथ साथ पलवल की जाट धर्मशाला और बस स्टेंड पर पहुंचे तो सच्चाई ठीक इसके उलट थी। वहां मौजूद जाट धर्मशाला के मैनेजर कृपया राम चौहान ने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से हर साल की तरह इस साल भी यहां रैन बसेरे की व्यवस्था की गई है। रैन बसेरे में पिछली साल जिला प्रशासन की तरफ से 20 कंबल दिए गए थे। इस साल उन्हें कोई नए कंबल नहीं दिए गए हैं। उनके पास केवल पिछले साल के ही 20 कंबल ही है। वह काफी पुराने हो चुके हैं। अभी तक रैन बसेरे में रुकने के लिए चार लोग ही यहां पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की तरफ से ठंड से बचने के लिए भी यहां कोई अलाप की व्यवस्था नहीं की गई है और ना ही अभी तक यहां जिला प्रशासन या रेड क्रोस सोसायटी का कोई अधिकारी इन रेन बसेरों का निरीक्षण करने के लिए आया है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए यह रैन बसेरे अब केवल नाम के रह गए हैं। इन रेन बसेरों में जिला प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। वही जाट धर्मशाला में बनाए गए रैन बसेरे में रुके बदरपुर के रहने वाले विक्की ने बताया कि वह पलवल में स्कूली बच्चों को कागज के फूल बनाना सिखाते हैं। वह पिछले दो दिनों से जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए रैन बसेरे में यहां रुका हुआ है। यहां रुकने के लिए उससे ₹50 लिए गए हैं। वहीं कैथल के रहने वाले पंकज ने बताया कि वह पलवल में मेडिसिन के इंटरव्यू के लिए आया था। लेकिन इंटरव्यू ना होने के कारण वह जाट धर्मशाला में बनाए गए रैन बसेरे में तीन दिनों से रुका हुआ है। यहां पर रुकने के लिए उससे कोई पैसा नहीं लिया गया हैं। सोने के लिए एक गद्दा और रजाई भी उन्हें दिया गया है। इसके बाद हमारी टीम रात के करीब 8 बजकर 56 मिनट पर पलवल के बस स्टैंड पर पहुंची। जहां पर भी जिला प्रशासन द्वारा हरियाणा रोडवेज की दो बसों में रैन बसेरे बनाए गए हैं। तो वहां मौजूद चौकीदार पवन ने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से यहां लोगों के ठहरने के लिए 10 रजाई और 10 गद्दे की व्यवस्था की गई है। यह रजाई और गद्दे उन्हें पिछली साल दिए गए थे। अब की साल कोई रजाई या गद्दा नहीं दिया गया है। इन रजाई और गद्दों में कुछ फट भी चुके हैं। जिनके लिए जिला प्रशासन को भी लिखा गया है। उन्होंने कहा कि यहां पर दो बसों में रैन बसेरे की व्यवस्था की गई है। महिलाओं के लिए अलग रेन बसेरे की बस में ही व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि यहां रोजाना 10 से 12 लोग ठंड से बचने के लिए आते हैं। लेकिन अभी तक आज यहां कोई रैन बसेरे में ठहरने के लिए नहीं आया है। उन्होंने कहा कि अभी तक इन रेन बसेरों का निरीक्षण करने के लिए जिला प्रशासन या रेड क्रॉस सोसायटी की तरफ से कोई अधिकारी यहां नहीं आया है और अबकी बार यहां पर ठंड से बचाव के लिए अलाप की व्यवस्था भी नहीं की गई है। जबकि पहले यहां पर इन दिनों में अलाप की व्यवस्था की जाती थी। जिससे कि लोग ठंड से बच पाए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल ने भाजपा पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार में रैन बसेरों के नाम पर केवल दिखावा किया जा रहा है। दलाल ने कहा की रैन बसेरों के नाम पर अधिकारियों की जेब भरी जा रही हैं जबकि इनके अंदर सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है। इस कड़ाके की सर्दी में गरीब और बेसहारा लोग आज भी खुले आसमान के नीचे सोने के लिए मजबूर हैं। इनके अंदर बेसहारा लोगों के लिए जो रजाई गद्दे होने चाहिए वह फटे पड़े हैं और जो अलाव की सुविधा होनी चाहिए वह भी नही है और इनके नाम पर अधिकारी मोटे मोटे बिल बनाकर अपनी जेब भर रहे हैं।