जिले में खाद की आपूर्ति सामान्य, किसान न करें स्टॉक – उपायुक्त अखिल पिलानीे
– किसान जरूरत के हिसाब से करें खाद की खरीद
– किसान डीएपी पर निर्भरता घटाएं, नैनो डीएपी, एसएसपी, एनपीके खाद का करें प्रयोग
City24News/अनिल मोहनिया
नूंह | उपायुक्त अखिल पिलानीे ने कहा कि जिले में खाद की आपूर्ति सामान्य है और आने वाले दिनों में भी जरूरत के अनुरूप आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। जिला में इस समय 4537.621 मीट्रिक टन यूरिया खाद, 785.300 मीट्रिक टन डीएपी खाद, 419.050 मीट्रिक टन एनपीके व 87.450 मीट्रिक टन एसएसपी खाद उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि जिले में आगे भी खाद की आपूर्ति सामान्य रहेगी व किसानों को खाद का स्टॉक करने से बचना चाहिए। किसान जरूरत के हिसाब से ही खाद का स्टॉक और उपयोग करें।
उपायुक्त ने कहा कि जिला में इस समय रबी फसलों की बुआई का सीजन चल रहा है। किसान तिलहन फसलों की बेहतर पैदावार लेने के लिए डीएपी (डाई अमोनियम फॉस्फेट) की बजाय एसएसपी यानी सिंगल सुपर फॉस्फेट अथवा एनपीके का प्रयोग करें। इस खाद के इस्तेमाल से सरसों में तेल व वजन की मात्रा बढ़ती है व फसल की चमक में भी इजाफा होता है। इसके अलावा सर्दी के प्रकोप से बचाने में भी यह खाद कारगर है। एक बैग डीएपी की विकल्प के रूप किसानों को डेढ़ बैग एनपीके इस्तेमाल करना चाहिए। इससे भूमि को पोटाश की मात्रा सही मिलेगी और फसलों का कीट आदि की बीमारी से बचाव होगा।
कृषि एवं किसान क्लयाण विभाग के उप निदेशक वीरेन्द्र देव आर्य ने कहा कि किसान आज भी सरसों व गेहूं की फसल के लिए डीएपी खाद पर निर्भर है, जबकि बाजार में इसकी तुलना में कम दाम पर बेहतर विकल्प उपलब्ध हैं। उन्होंने जिला के सभी किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान बाजार में उपलब्ध इस किफायती व बेहतर विकल्प का लाभ अवश्य उठाएं। तिलहन फसलों के लिए एसएसपी खाद का प्रयोग करना चाहिए। बीज बुवाई से पूर्व एसएसपी का प्रयोग न केवल पौधे की उत्पादन क्षमता को बढ़ाता है बल्कि यह फसल की गुणवत्ता की बढ़ोतरी में भी सहायक सिद्ध होता है। वहीं गेहूं की फसल में दाने का साइज़ व उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए एनपीके का प्रयोग कर सकते हैं।
