जिला पलवल में रात 10 बजे के बाद डीजे व लाउडस्पीकर बजाने पर रहेगी पाबंदी
—उल्लंघना पर होगी कार्रवाई- एसएसपी
हथीन/रोबिन माथुर :
विवाह शादियों मे अथवा अन्य खुशी के अवसर पर डी.जे अथवा लाउडस्पीकर की ऊची आवाज लोगो की परेशानी का कारण बनता है। जिला में कुछ सामुदायिक केन्द्र व मैरिज पैलेस आवासीय कॉलोनियों मे स्थित है, जहां अक्सर शादी अथवा किसी अन्य समारोह के दौरान करकश आतिशबाजी, ऊंची ध्वनि में डीजे व लाउडस्पीकर के कारण आम लोगो को भारी परेशानी का सामना करना पडता है। एक तरफ जहां विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, वहीं बिमार व हर आयु वर्ग के लोगो को किसी न किसी तरह से परेशानी होती है।आमजन को ध्वनि प्रदूषण से होने वाली परेशानियों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए एसपी डॉ अंशु सिंगला द्वारा जिला के सभी थाना प्रबंधकों व चौकी प्रभारियों को नियमों की उल्लंघना करने वालों के खिलाफ नियमानुसार निवारक कार्यवाही करने के निर्देश किए गए हैं। उन्होने दिन में भी बिना अनुमति के ऊंची आवाज में डीजे बजाने के कारण ऊंची ध्वनि से होने वाली परेशानियों से आमजन को तुरन्त राहत दिलाने तथा ऊंची आवाज में डीजे व लाउडस्पीकर चलाने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। यदि रात 10 बजे के बाद कोई डीजे या लाउडस्पीकर बजाता है तो कोई भी आमजन पुलिस को सूचना दे सकता है। जिस पर स्थानीय पुलिस द्वारा तत्परता से मौका पर पहुंचकर नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जाएगी। यदि कोई व्यक्ति रात 10 बजे से पहले तथा सुबह 6 बजे के बाद डीजे अथवा लाउडस्पीकर चलाना चाहता है तो इसके लिए उसे प्रशासनिक अनुमति लेना आवश्यक है। अनुमति लेकर भी डीजे या लाउडस्पीकर नियम अनुसार निर्धारित की गई आवाज तक ही बजाया जा सकता है। जिससे कि ध्वनि प्रदूषण की स्थिति उत्पन्न न हो। सभी डीजे संचालक अपने डीजे वाहन पर एक पट्टिका/प्लेट लगाएंगे, जिस पर एसपी पलवल की तरफ से जारी की गई हिदायतें लिखी होंगी। जिनमें रात 10:00 बजे के बाद डीजे बजाना कानूनन अपराध है, यदि किसी कार्यक्रम में 10:00 बजे के बाद डीजे बजते हुए पाया गया तो डीजे संचालक व डीजे बजवाने वाले दोनों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। निर्धारित नियमों कि पालना न करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत सजा हो सकती है। उन्होंने कहा कि आमजन शादी समारोह व अन्य खुशी के माहौल मे ऐसा कोई कार्य ना करें जिससे किसी दुसरे को परेशानी उठानी पडे, उन्होने कहा कि ध्वनि प्रदुषण के कई दुष्परिणाम है। टैन्सन, रक्तचाप का बढना, सुनने की क्षमता कमजोर होना, ध्वनी प्रदुषण मनुष्य ही नही अपितु पशु पक्षियो के जीवन पर भी बहुत विपरित असर डालता है। ध्वनि प्रदुषण मनुष्य के जीवन मुल्यो पर हर तरह से विपरित असर डालता है। ध्वनि प्रदुषण मनुष्य के आचरण, बर्ताव, मनोवैज्ञानिक स्थिती पर विपरित प्रभाव डालता है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ ध्वनि प्रदुषण एक्ट के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।