ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने समझौते का प्रदर्शन कर तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
city24news@रोबिन माथुर “
हथीन | सरकार की वायदाखिलाफी से नाराज़ तथा 29 अक्तूबर 2023 को सरकार के अतिरिक्त मुख्यसचिव अनिल मलिक की अध्यक्षता में यूनियन के साथ हुए समझौते को लागू कराने की मांग को लेकर आज ज़िले के ग्रामीण सफ़ाई कर्मचारियों ने उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए तहसीलदार पलवल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। चन्द्रवीर द्वारा संचालित कार्यक्रम की अध्यक्षता ज़िला प्रधान देवीराम ने की। प्रदर्शन में सर्वसम्मति से फैसला किया गया कि अगर सरकार ने ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की मानी गई मांगों को जल्द लागू नहीं किया तो निर्णायक आंदोलन किया जाएगा।
ग्रामीण सफाई कर्मियों को सम्बोधित करते हुए सीआईटीयू के नेता रमेशचन्द व यूनियन नेता चन्दरवीर तथा चंदीराम चंदेलिया ने कहा कि प्रदेश के लगभग 11 हाजर ग्रामीण सफाई कर्मचारीयों की 52 दिन चली हड़ताल के बाद 29 अक्तूबर 2023 को अतिरिक्त मुख्यसचिव अनिल मलिक की अध्यक्षता में यूनियन के साथ संपन्न बैठक में कई मांगों पर सहमति बनी थी लेकिन आज तक उस समझौते में मानी गई माँगों को लागू नहीं किया गया है।उससे पहले भी सरकार के पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली के साथ भी यूनियन की कई दौर की बैठकों के बाद मानी गई मांगों को भी सरकार ने आज तक लागू नहीं किया है। यूनियन नेताओं ने कहा कि एक तरफ़ सरकार दलित उत्थान का ढिंढोरा पीटती है तो दूसरी तरफ़ अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे दलितों की मानी गई मांगों को भी सरकार लागू नहीं कर रही है। भाजपा ने चुनाव से पहले ग्रामीण सफ़ाई कर्मचारियों को पक्का करने का वायदा किया था लेकिन पक्का करना तो दूर बढ़ रही महंगाई के हिसाब से गुज़ारे लायक़ वेतन भी नहीं दे रही है। ग्रामीण सफ़ाई कर्मचारियों के वेतन से कटौती की गई राशि तथा सरकार के खाते से वसूली गई राशि को भी कर्मचारी के ईपीएफ खाते में जमा नहीं कराकर भारी घोटाला किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सफ़ाई के लिए ज़रूरी औज़ार भी कर्मचारियों को मुहैया नहीं कराए जा रहे। सरकार झूठे वायदे करके दलित समुदाय के वोट तो ले लेती है लेकिन उनकी दयनीय हालत को सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाती, सफाई कर्मियों के पांव धोने का भी नाटक किया जाता है लेकिन नौकरी स्थाई करने के लिए नीति नहीं बनाई जा रही है। यूनियन नेताओं ने कहा कि सरकार ग्रामीण सफ़ाई कर्मचारियों की मांगो और समस्याओं का समाधान करे अन्यथा हरियाणा के 11 हजार ग्रामीण सफाई कर्मचारी अपनी माँगों को लेकर आंदोलन को जारी रखेंगे।
धरने में यूनियन नेता सतपाल, जितेंद्र चौहान, नरेश राजपूत, अर्जुन, प्रेमचंद, रामफूल, मोहन, दयाराम व नानकचंद ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
*मुख्य मांगें*
29 अक्तूबर को अतिरिक्त मुख्यसचिव अनिल मलिक द्वारा मानी गई मांगों को लागू किया जाए।
● विधान सभा मे पॉलिसी बनाकर सफाई कर्मियों को पक्का किया जाए।
● सभी ग्रामीण सफाई कर्मियों को बीडीपीओ के पे-रोल पर लिया जाए।
● हरियाणा रोजगार कौशल निगम को भंग किया जाए और सफाई कर्मियों को पक्का किया जाए।
● सभी सफाई कर्मियों के लिए 26000 रुपये मासिक न्यूनतम वेतन लागू किया जाए।
● 2000 की बजाए 400 की आबादी पर एक कर्मचारी की स्थाई नियुक्ति करते हुए सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए।
● डोर टू डोर के कर्मचारियों को ग्रामीण सफाई कर्मियों के बराबर वेतन व वर्दी भत्ता दिया जाए और पीएफ ईएसआई में कवि किया जाए।
● 500 रुपये मासिक काम के औजारों का भत्ता तय किया जाए।
● 500 रुपये मासिक वर्दी धुलाई भत्ता लागू किया जाए।
● एक्ससग्रेसिया नीति के तहत परिवार के सदस्य को काम पर रखा जाए तथा मुख्यमंत्री कि घोषणा अनुसार 4 अप्रैल 2021 के बाद जिन कर्मियों की मृत्यु हो चुकी उन सभी कर्मियों को मुआवजा राशि का भुगतान किया जाए।
● दिवाली पर बोनस और कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई के लिए शिक्षा भत्ता लागू किया जाए।
● सौ-सौ गज के प्लाट और मकान बनाने के लिए अनुदान दिया जाए।
● बेगार से बचाने के लिए काम की देखरेख के लिए सफाई कर्मियों में से पढ़े लिखे लोगों को सुपरवाइज लगाया जाए।