अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए पशुपालन प्रशिक्षण का सफल समापन
-डेयरी व्यवसाय व मूल्य संवर्धन से आत्मनिर्भरता पर दिया गया जोर
City24News/अनिल मोहनिया
नूंह | लाला लाजपत राय पशु-चिकित्सा एवं पशु-विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) विनोद कुमार वर्मा के दिशा-निर्देशन में पशु विज्ञान केंद्र, गुरुग्राम द्वारा ग्राम हसनपुर, जिला नूंह में अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा प्रायोजित पांच दिवसीय पशुपालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. गौतम के मार्गदर्शन में पशु विज्ञान केंद्र, गुरुग्राम के प्रभारी डॉ. कृष्ण कुमार यादव द्वारा किया गया।
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को पशुओं की विभिन्न नस्लों, पोषण एवं प्रबंधन, रोगों की रोकथाम व नियंत्रण, टीकाकरण, हे एवं साइलेज निर्माण, खनिज मिश्रण के महत्व तथा सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 40 महिला प्रशिक्षणार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। शनिवार को आयोजित समापन समारोह में डॉ. सुनील रस्तोगी, अधिष्ठाता, पशुचिकित्सा महाविद्यालय, संस्कारम विश्वविद्यालय, पाटोदा (जिला झज्जर) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि डॉ. हरीश गुलाटी, पूर्व कुलसचिव, लुवास, हिसार विशिष्ट अतिथि रहे।
डॉ. हरीश गुलाटी ने महिलाओं को स्वयं सहायता समूह बनाकर डेयरी व्यवसाय को स्वरोजगार के रूप में अपनाने तथा इससे आय बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। वहीं डॉ. सुनील रस्तोगी ने महिला प्रशिक्षणार्थियों से पशुपालन व्यवसाय से जुड़ने का आह्वान करते हुए दूध एवं दुग्ध उत्पादों के प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की व्यापक बाजार संभावनाओं का लाभ उठाने पर जोर दिया।
समापन समारोह में डॉ. जगदीप सिंह, डॉ. राहुल यादव एवं डॉ. ज्योतिका यादव ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रशिक्षणार्थियों को निःशुल्क खनिज मिश्रण एवं प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
