अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव प्रतियोगिताएं में सीही कन्या ने प्रथम बाजी मारी

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सीही कन्या स्कूल की शिवानी ने श्लोक में तो अंजलि ने पेंटिंग में प्रथम बाजी मारी 

city24news@ब्यूरो

बल्लभगढ़ | अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के तहत हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गीता जयंती महोत्सव बड़े धूमधाम से पूरे हरियाणा में मनाया जा रहा है। गीता जयंती महोत्सव के तहत बल्लभगढ़ खण्ड स्तर पर संस्कृत में विभिन्न प्रतियोगिताएं राजकीय बाल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेक्टर 03 बल्लभगढ़ में आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ बल्लभगढ़ खण्ड शिक्षा अधिकारी महेंद्र सिंह व नोडल अधिकारी प्राचार्य डॉ जयप्रकाश वैष्णव, प्राचार्य अंजु मदान, प्राचार्य रेनू व सामाजिक संस्था जनहित सेवा संस्था फरीदाबाद के प्रधान सन्तसिहं हुड्डा ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर खण्ड शिक्षा अधिकारी महेंद्र सिंह ने कहा कि गीता हमारी संस्कृति से जुड़ी हुई है।

गीता हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है। गीता हमें ज्ञान प्रदान करती है। हरियाणा सरकार ने गीता जयंती महोत्सव अभियान चलाकर बहुत ही सराहनीय पहल की है। गीता का संबंध हरियाणा के कुरुक्षेत्र से जुड़ा हुआ है।नोडल अधिकारी प्राचार्य डॉ जयप्रकाश वैष्णव ने कहा कि गीता से हमें जीवन में बहुत कुछ सीखने को मिलता है। गीता ज्ञान का भंडार है। गीता में 18 अध्याय व 700 श्लोक है। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई गई जिनमें वरिष्ठ वर्ग में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सीही सैक्टर 08 से श्लोक में शिवानी प्रथम रही और अंजलि पेंटिंग में प्रथम रही। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेक्टर 8 से भाषण में शांतनु प्रथम रहा। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मुजैडी से निबंध में कविता प्रथम रही तो संवाद में मुजेसर की टीम प्रथम रही। प्रश्नोत्तरी में कौराली स्कूल की टीम प्रथम रही। कनिष्ठ मिडिल वर्ग में संवाद में भी राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सीही की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त कर बाजी मारी।तो श्लोक में सैक्टर 55 स्कूल से लोहिताश प्रथम रहा। पेंटिंग में पलक ओर प्रश्नोत्तरी में राजकीय कन्या मांडल संस्कृति स्कूल बल्लभगढ़ प्रथम रहा। भाषण में राधिका कौराली स्कूल से प्रथम रही तो निबंध में फतेहपुर बिल्लौच स्कूल के दीपक ने प्रथम स्थान हासिल कर बाजी मारी। अब जल्दी ही जिला स्तर पर भी प्रतियोगिताएं होंगी।इस अवसर विभिन्न विद्यालयों से आएं निर्णायक मंडल की टीम मौजूद थी। जिनमें मुख्य रूप से सन्तसिहं हुड्डा, लोकेश शास्त्री, जावेद,रेखा, राजेश कुमारी, दिशा, ईश्वर, कुसुम , ममता,राजवती, अनामिका और अन्य अध्यापकों ने जज के तौर पर निर्णायक मंडल की अहम भूमिका निभाई।

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